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छत्तीसगढ़ विधानसभा में नया आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास, राज्यपाल को भेजा गया बिल

New reservation bill passed in Chhattisgarh assembly छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में दो दिसंबर 2022 का दिन काफी यादगार रहेगा. इस दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा ने नये आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. विधेयक पारित करने के लिए बघेल सरकार ने दो दिनों का छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. reservation bill unanimously passed in CG assembly

New reservation bill passed in Chhattisgarh
नया आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास
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Published : Dec 2, 2022, 9:15 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 3:27 PM IST

रायपुर: New reservation bill passed in Chhattisgarh assembly राज्य में आदिवासी आरक्षण पर कटौती का मुद्दा अब विधानसभा के सदन से सुलझ गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा से नया आरक्षण विधेयक सर्व सम्मति से पास हो गया है. इस विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe), अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. CG assembly special session

नया आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास

छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति समझिए

जातिसाल 2012 की स्थिति 19 सितंबर 2022 तक की स्थिति नया कानून पास होने के बाद अब की स्थिति
अनुसूचित जाति 16 प्रतिशत 12 फीसदी 13 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति 20 प्रतिशत 32 फीसदी 32 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग 14 प्रतिशत 14 फीसदी 27 प्रतिशत
सामान्य वर्ग गरीब -10 फीसदी 04 प्रतिशत
कुल आरक्षण 50 फीसदी 68 फीसदी 76 फीसदी
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आरक्षण विधेयक के तहत सदन से ये विधेयक पास: इस आरक्षण विधेयक में सदन से ये कानून पास किए गए हैं.छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक और शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक सदन से पास हुआ है. इन दोनों विधेयकों में आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का प्रस्ताव तय है. सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी बात इस विधेयक में हैं. अब छत्तीसगढ़ में इन सभी अनुपातों को मिला कर देखा जाए तो कुल 76 फीसदी आरक्षण छत्तीसगढ़ में हो जाएगा.

नए आरक्षण विधेयक पर सीएम भूपेश बघेल ने सदन में क्या कहा: नए आरक्षण विधेयक के पेश होने पर सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि "मैं नेता प्रतिपक्ष को बधाई देता हूं. वह बहुत अच्छा बोले और बेहतर सुझाव दिए. सीएम ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष को दो महीना दस दिन का समय बहुत बड़ा लगा. लेकिन साल 2012 में आरक्षण को लागू करने के बाद 6 साल का समय इन्हें बहुत कम लगा". reservation bill unanimously passed in CG assembly

"बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ नहीं": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "बीजेपी के पास अपने प्रभारियों को बताने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए वे लोग आरोप लगा रहे हैं. आरक्षण मामले में कुणाल शुक्ला पर विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं. जबकि सच यह है कि आरक्षण मामले में 41 लोग कोर्ट गए थे. उनमें से एक नाम कुणाल शुक्ला का है. बीजेपी शासन काल में आरक्षण का विषय था. बीजेपी में मंत्रियों की कमेटी बनी, लेकिन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत नहीं की. क्वावांटिफाबल डाटा आयोग 7 साल में बीजेपी नहीं बना पाई. जब हमारी सरकार आई तो हमने आयोग बनाया और उसकी रिपोर्ट भी 3 साल में आ भी गई, जबकि 2 साल कोरोना में बीता है."

ये भी पढेें: Chhattisgarh Assembly Clash: बृजमोहन ने ही नहीं हमने भी पिया है मां का दूध: कवासी लखमा

"छत्तीसगढ़ के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थान": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि" छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में जो लोग रह रहे हैं. उनकी स्थिति कमजोर है. आरक्षण में उन्हें स्थान दिया जा रहा है." सीएम बघेल ने सदन में कहा कि" हमने केंद्र सरकार से कहा कि जनगणना करा लें. हम भी संख्या के आधार पर SC वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण देंगे. हमारे मंत्री आज ही राजभवन जाएंगे. राज्यपाल से बिल पर दस्तख़त करने का आग्रह करेंगे. आरक्षण बिल की मंशा भी उन्हीं की थी."

"इस विधेयक को 9वीं सूची में शामिल करने की करेंगे मांग": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि " इस आरक्षण विधेयक को नौंवी अनुसूची में शामिल करने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्य मिलकर चलें. छत्तीसगढ़ में अब कुल आरक्षण 76 फीसदी होगा. राज्यपाल की मंजूरी के लिए आज ही बिल भेजा जाएगा". तमिलनाडु में 69, महाराष्ट्र में 68 फीसदी आरक्षण है. आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान विधायक धर्मजीत सिंह ने अनुसूचित जाति का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 फीसदी करने की मांग की.

आरक्षण को लेकर कब क्या क्या बदला: छत्तीसगढ़ में साल 2012 तक 50% आरक्षण दिया गया था. इसके बाद साल 2012 से 19 सितंबर 2022 तक 68% आरक्षण था. अब विधानसभा के विशेष सत्र में 76% आरक्षण के बिल को सर्वसम्मति से पास किया गया है.

पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम ने क्या कहा: विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आरक्षण बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि "विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई. छत्तीसगढ़ में अब 76 प्रतिशत आरक्षण होगा. शैक्षणिक और नौकरियों दोनों के लिए अलग-अलग संशोधन विधेयक को सदन से मंजूरी मिल गई है. आज ही विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा गया है, जहां से मंजूरी मिलते ही राजपत्र में इसका प्रकाशन कर दिया जायेगा"

ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 पर भी असर पड़ सकता है. क्योंकि यहां विधानसभा सीटों का वर्गीकरण भी जातियों के आधार पर किया गया है. एक नजर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सीटों पर

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कांग्रेसियों ने बांटी मिठाई: नए आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने जश्न मनाया है. नेताओं-कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर मिठाई बांंटी. इसे कांग्रेस बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धि मान रही है.

रायपुर: New reservation bill passed in Chhattisgarh assembly राज्य में आदिवासी आरक्षण पर कटौती का मुद्दा अब विधानसभा के सदन से सुलझ गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा से नया आरक्षण विधेयक सर्व सम्मति से पास हो गया है. इस विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe), अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. CG assembly special session

नया आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास

छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति समझिए

जातिसाल 2012 की स्थिति 19 सितंबर 2022 तक की स्थिति नया कानून पास होने के बाद अब की स्थिति
अनुसूचित जाति 16 प्रतिशत 12 फीसदी 13 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति 20 प्रतिशत 32 फीसदी 32 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग 14 प्रतिशत 14 फीसदी 27 प्रतिशत
सामान्य वर्ग गरीब -10 फीसदी 04 प्रतिशत
कुल आरक्षण 50 फीसदी 68 फीसदी 76 फीसदी
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आरक्षण विधेयक के तहत सदन से ये विधेयक पास: इस आरक्षण विधेयक में सदन से ये कानून पास किए गए हैं.छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक और शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक सदन से पास हुआ है. इन दोनों विधेयकों में आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का प्रस्ताव तय है. सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी बात इस विधेयक में हैं. अब छत्तीसगढ़ में इन सभी अनुपातों को मिला कर देखा जाए तो कुल 76 फीसदी आरक्षण छत्तीसगढ़ में हो जाएगा.

नए आरक्षण विधेयक पर सीएम भूपेश बघेल ने सदन में क्या कहा: नए आरक्षण विधेयक के पेश होने पर सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि "मैं नेता प्रतिपक्ष को बधाई देता हूं. वह बहुत अच्छा बोले और बेहतर सुझाव दिए. सीएम ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष को दो महीना दस दिन का समय बहुत बड़ा लगा. लेकिन साल 2012 में आरक्षण को लागू करने के बाद 6 साल का समय इन्हें बहुत कम लगा". reservation bill unanimously passed in CG assembly

"बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ नहीं": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "बीजेपी के पास अपने प्रभारियों को बताने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए वे लोग आरोप लगा रहे हैं. आरक्षण मामले में कुणाल शुक्ला पर विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं. जबकि सच यह है कि आरक्षण मामले में 41 लोग कोर्ट गए थे. उनमें से एक नाम कुणाल शुक्ला का है. बीजेपी शासन काल में आरक्षण का विषय था. बीजेपी में मंत्रियों की कमेटी बनी, लेकिन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत नहीं की. क्वावांटिफाबल डाटा आयोग 7 साल में बीजेपी नहीं बना पाई. जब हमारी सरकार आई तो हमने आयोग बनाया और उसकी रिपोर्ट भी 3 साल में आ भी गई, जबकि 2 साल कोरोना में बीता है."

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"छत्तीसगढ़ के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थान": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि" छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में जो लोग रह रहे हैं. उनकी स्थिति कमजोर है. आरक्षण में उन्हें स्थान दिया जा रहा है." सीएम बघेल ने सदन में कहा कि" हमने केंद्र सरकार से कहा कि जनगणना करा लें. हम भी संख्या के आधार पर SC वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण देंगे. हमारे मंत्री आज ही राजभवन जाएंगे. राज्यपाल से बिल पर दस्तख़त करने का आग्रह करेंगे. आरक्षण बिल की मंशा भी उन्हीं की थी."

"इस विधेयक को 9वीं सूची में शामिल करने की करेंगे मांग": सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि " इस आरक्षण विधेयक को नौंवी अनुसूची में शामिल करने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्य मिलकर चलें. छत्तीसगढ़ में अब कुल आरक्षण 76 फीसदी होगा. राज्यपाल की मंजूरी के लिए आज ही बिल भेजा जाएगा". तमिलनाडु में 69, महाराष्ट्र में 68 फीसदी आरक्षण है. आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान विधायक धर्मजीत सिंह ने अनुसूचित जाति का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 फीसदी करने की मांग की.

आरक्षण को लेकर कब क्या क्या बदला: छत्तीसगढ़ में साल 2012 तक 50% आरक्षण दिया गया था. इसके बाद साल 2012 से 19 सितंबर 2022 तक 68% आरक्षण था. अब विधानसभा के विशेष सत्र में 76% आरक्षण के बिल को सर्वसम्मति से पास किया गया है.

पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम ने क्या कहा: विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आरक्षण बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि "विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई. छत्तीसगढ़ में अब 76 प्रतिशत आरक्षण होगा. शैक्षणिक और नौकरियों दोनों के लिए अलग-अलग संशोधन विधेयक को सदन से मंजूरी मिल गई है. आज ही विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा गया है, जहां से मंजूरी मिलते ही राजपत्र में इसका प्रकाशन कर दिया जायेगा"

ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 पर भी असर पड़ सकता है. क्योंकि यहां विधानसभा सीटों का वर्गीकरण भी जातियों के आधार पर किया गया है. एक नजर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सीटों पर

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कांग्रेसियों ने बांटी मिठाई: नए आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने जश्न मनाया है. नेताओं-कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर मिठाई बांंटी. इसे कांग्रेस बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धि मान रही है.

Last Updated : Dec 5, 2022, 3:27 PM IST
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